यूं तो भारत में एक आम धारणा है कि अरब देशों में कमाई करने वालों के मामले में भारतीय मुसलमान पहले नंबर पर हैं। हालांकि भारत से जाकर अरब देशों में बड़ा बिजनेस खड़ा करने की बात हो तो तस्वीर इससे ठीक उल्टी नजर आती है।
यहां बड़ा बिजनेस खड़ा करने के मामले में मुसलमान पीछे और हिंदू आगे नजर आते हैं। इसमें से कई हिंदू बिजनेसमैन ऐसे हैं जो अरब देशों के टॉम अमीरों की गिनती में भी आते हैं। ऐसा नहीं है कि भरतीय मुसलमानों में अरब देशों में अपना बिजनसे एम्पायर नहीं खड़ा किया, लेकिन हिंदू अब भी आगे हैं।
ये हैं अरब देशों के हिंदू भारतीय
अरब देशों के हिंदू भारतीयों में सुनील वासवानी, मिक्की जगतियानी, रवि पिल्लई, बीआर शेट्टी, रघुविंदर कटारिया और पीएनसी मेनन के प्रमुख नाम हैं। ये लोग हॉस्पिटैलिटी, रिलेट चेन और कंस्ट्रक्शन के सेक्टर में अपना कारोबार चला रहे हैं। आइए जानते हैं अरब देशों के ऐसे ही हिंदू कारोबारियों के बारे में...
नेटवर्थ: 4.4 अरब डॉलर
इंडस्ट्री: रीटेल
बेस: बहरीन
कंपनी: लैंडमार्क ग्रुप
लैंडमार्क ग्रुप के चेयरमैन जगतियानी अरब देशों में रहने वाले भारतीयों में दूसरे सबसे अमीर हैं। मौजूदा समय में उनकी कुल संपत्ति 4.4 अरब डॉलर गई है। जगतियानी रिटेल इंडस्ट्री के बादशाह माने जाते हैं। पहले मिकी भारत आना चाहते थे, लेकिन माता-पिता और भाई को बहरीन में खोने के बाद उन्होंने बहरीन में महज 6 हजार डॉलर की पूंजी से उन्होंने बेबी शॉप खोली, जिसमें कपड़े, स्ट्रोलर और अन्य सामान थे। जगतियानी ने अपनी कंपनी में हजारों एशियाई अप्रवासियों को नौकरी दी है। आज लैंडमार्क कंपनी के खाड़ी देशों, भारत, पाकिस्तान, चीन और स्पेन में 6000 स्टोर हैं।
(2). सुनील वासवानी
नेटवर्थ: 2.3 अरब डॉलर
इंडस्ट्री: डायवर्सिफाई
बेस: यूएई
कंपनी: स्टेलियन ग्रुप
सुनील वासवानी खाड़ी देश के धनी हिंदूओं में से एक हैं। उनकी कंपनी की कुल संपत्ति 2.3 अरब डॉलर है। दुबई निवासी वासवानी स्टेलियन ग्रुप के चेयरमैन हैं। इस ग्रुप का कारोबार संयुक्त अरब अमीरात समेत 18 देशों में फैला है।
(3). रवि पिल्लई चेयरमैन, आरपी ग्रुप- कंस्ट्रक्शन
रवि पिल्लई को खाड़ी देशों का अंबानी कहा जाता है। आरपी ग्रुप के डॉ. रवि पिल्लई की कुल संपत्ति 4.6 बिलियन डॉलर (करीब 30,820 करोड़ रुपए) है। रवि पिल्लई की कंपनी में 70 हजार लोग काम करते हैं।
खास बात यह है कि इनकी कंपनी में सबसे अधिक भारतीय काम करते हैं। उनकी कंपनी कंस्ट्रक्शन ट्रैवल, टूरिज्म, हेल्थकेयर, रिटेल और एजुकेशन में काम करती है। रवि पिल्लई कोच्चि यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं। 2007 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा था।
(4). बी आर शेट्टी
खाड़ी देशों के दौलतमंदों में एक और भारतीय बी आर शेट्टी हैं। जो न्यू मेडिकल सेंटर ग्रुप के संस्थापक हैं। शेट्टी की नेटवर्थ 2.7 बिलियन डॉलर (करीब 18,090 करोड़ रुपए) है। शेट्टी का जन्म भारत के कर्नाटक में हुआ था। शेट्टी 1973 में यूएई गए थे।
1977 में उन्होंने अबू धाबी में न्यू मेडिकल सेंटर के नाम से वहां अपनी पहली फार्मेसी खोली थी। शेट्टी अगले कुछ वर्षों में भारत में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलने का प्लान कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी प्लानिंग मणिपुर में मेडिकल कॉलेज खोलना चाहते हैं।...
(5)सनी विर्के
फाउंडर, जीईएमएस एजुकेशन
सनी विर्के दुनिया के सबसे बड़े एजुकेशन प्रोवाइडर के रूप में अपना बिजनेस चला रहे हैं। उन्होंने दुबई में 1980 में एक स्कूल से बिजनेस की शुरआत की थी। आज दुनियाभर में 1,10,000 स्टूडेंट जीईएमएस एजुकेशन से जुड़े हैं। लगभग हर कॉन्टिनेंट में विर्के के स्टूडेंट हैं। विर्के की नेटवर्थ 2.5 अरब डॉलर (16,750 करोड़ रुपए) है। वह विर्के जीईएमएस फाउंडेशन ट्रस्ट भी चलाते हैं।
नेटवर्थ: 2.3 अरब डॉलर
इंडस्ट्री: डायवर्सिफाई
बेस: यूएई
कंपनी: स्टेलियन ग्रुप
सुनील वासवानी खाड़ी देश के धनी हिंदूओं में से एक हैं। उनकी कंपनी की कुल संपत्ति 2.3 अरब डॉलर है। दुबई निवासी वासवानी स्टेलियन ग्रुप के चेयरमैन हैं। इस ग्रुप का कारोबार संयुक्त अरब अमीरात समेत 18 देशों में फैला है।
(3). रवि पिल्लई चेयरमैन, आरपी ग्रुप- कंस्ट्रक्शन
रवि पिल्लई को खाड़ी देशों का अंबानी कहा जाता है। आरपी ग्रुप के डॉ. रवि पिल्लई की कुल संपत्ति 4.6 बिलियन डॉलर (करीब 30,820 करोड़ रुपए) है। रवि पिल्लई की कंपनी में 70 हजार लोग काम करते हैं।
खास बात यह है कि इनकी कंपनी में सबसे अधिक भारतीय काम करते हैं। उनकी कंपनी कंस्ट्रक्शन ट्रैवल, टूरिज्म, हेल्थकेयर, रिटेल और एजुकेशन में काम करती है। रवि पिल्लई कोच्चि यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं। 2007 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा था।
(4). बी आर शेट्टी
फाउंडर एंड सीईओ, एनएमसी हेल्थ, हेल्थकेयर
1977 में उन्होंने अबू धाबी में न्यू मेडिकल सेंटर के नाम से वहां अपनी पहली फार्मेसी खोली थी। शेट्टी अगले कुछ वर्षों में भारत में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलने का प्लान कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी प्लानिंग मणिपुर में मेडिकल कॉलेज खोलना चाहते हैं।...
(5)सनी विर्के
फाउंडर, जीईएमएस एजुकेशन
सनी विर्के दुनिया के सबसे बड़े एजुकेशन प्रोवाइडर के रूप में अपना बिजनेस चला रहे हैं। उन्होंने दुबई में 1980 में एक स्कूल से बिजनेस की शुरआत की थी। आज दुनियाभर में 1,10,000 स्टूडेंट जीईएमएस एजुकेशन से जुड़े हैं। लगभग हर कॉन्टिनेंट में विर्के के स्टूडेंट हैं। विर्के की नेटवर्थ 2.5 अरब डॉलर (16,750 करोड़ रुपए) है। वह विर्के जीईएमएस फाउंडेशन ट्रस्ट भी चलाते हैं।
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